रविवार, 25 जनवरी 2009

अफीम और अफगानिस्तान

अफगानिस्तान तालिबानी शासन के दौरान आतंकवादी गतिविधियों के केन्द्र के रूप मे कुख्यात रहा था. तालिबानी शासन के खात्मे के बाद भी अफगानिस्तान मे अल कायदा के आतंकवादियों की सक्रीय भूमिका रही है. इसके अलावा अफगानिस्तान सदा से अफीम के उत्पादन और तस्करी के लिए भी कुख्यात रहा है. इस वजह से अफगानिस्तान सयुंक्त राष्ट्र संघ मे गैरकानूनी राष्ट्रों की सूचि मे शामिल है. अफगानिस्तान मे अफीम के उत्पादन और उसकी तस्करी से सम्बंधित कुछ तथ्य:
· दूनिया मे ccके कुल उत्पादन का 95% हिस्सा केवल अफगानिस्तान मे उगाया जाता है.
· अधिकतर अफीम के खेत तालिबानी लडाकों के कब्जे में रहे हैं
· तालिबानी लडाके अफीम की तस्करी से प्राप्त आय का उपयोग शस्त्र खरीदने मे करते हैं
· अफीम का सबसे बडा खरीददार देश अमरीका है
· अफीम एक नशीला पदार्थ है, परंतु उसका उपयोग दवाई, अल्कोहोल मे भी होता है
· अफगानिस्तान मे अफीम उगाने वाले किसान को प्रति किलो अफीम के बदले करीब 300 डॉलर मिलते हैं
· यही अफीम अफगानिस्तान के बाहर 800 डॉलर प्रति किलो के भाव से बिकता है
· यूरोपीय देशों मे अफीम के द्वारा हेरोइन नामक नशीला पदार्थ बनने के बाद इसकी किमत 16000 डॉलर प्रति किलो तक पहुँच जाती है
· अफगानिस्तान मे सन 2006 मे 6630 टन अफीम का उत्पादन हुआ था

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